Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Himanshu Jaiswal

Inspirational

3.9  

Himanshu Jaiswal

Inspirational

कुल की लक्ष्मी

कुल की लक्ष्मी

1 min
231


आज माँ को मिली है खुशखबरी

ख़त्म हो गई है इंतज़ार की घड़ी

कोख़ में पालुंगी मैं उसकी नौ माह

हर पल करेगी ख़ुद से ज़्यादा परवाह

आनेवाला है कुलदीपक ख़ुश हैं घर परिवार

नाम करेगा कुल का रौशन जानेगा उसे संसार

पर ये क्या "कुलदीपक" ही क्यों "लक्ष्मी" क्यों नहीं?

लड़का ही बस चाहिए सबको!"लड़की" क्यों नहीं?

सबको चाह थी बेटे की बस माँ-पिता लिए थी मैं संतान

आयेगा वंश बढ़ाने वाला क्या मिला है ये वरदान?

क्या होगी "संतान" सबने सोचा ये जान लेते हैं

आधुनिक तकनीक का थोड़ा सहारा लेते हैं

पर ये क्या रिपोर्ट आते ही सबकी उड़ गई खुशियां 

जहाँ जश्न का माहौल था वहां अब है मायूसिया

क्यों सबका सपना गया था टूट?

जैसे उनकी दुनिया गयी थी लूट

आशीर्वाद जो देती थी दादी उनका ताना सुनना पड़ेगा

"ये क्या हो गया"? कहती थी "अब कैसे वंश बढ़ेगा"?

 रे बहू प्यारी! मेरी तू बात मेरी मान ले

नहीं माना तो बुरा होगा ये भी तय जान ले

नहीं चाहिये मुझको पोती,पोता ही नाम करेगा

कुल ही नहीं रहेगा जब तब कौन हमे जानेगा?

पर माँ ने भी किया था निश्चय सब कुछ सह जायेगी

साथ नहीं छोड़ेगी मेरा दुनिया दिखलाएगी

उसकी हिम्मत से मैं आज इस दुनिया में आयी

इस पिछड़ी सोच को बदलने की कसम मैंने खाई


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational