Manisha Wandhare

Abstract

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Manisha Wandhare

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कुछ ख्वाब है मेरे...

कुछ ख्वाब है मेरे...

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कुछ ख्वाब है मेरे ,

जो पलकों में छुप के है ,

कुछ इच्छाएं है मेरी ,

जो दिल में दबी है ...

पूरा हो ख्वाबों का आसमान ,

जी जाऊँ दिल की ख्वाहिशें ,

लेकिन डरती हूँ ना कोई बिछड़ जाये,

दुनिया ना मुझसे रूठ जाये ...

सहम जाती हूँ ,

सिमट जाती हूँ ,

उमंगों में उनकी खो जाती हूँ ,

एक अपनी ही दुनिया बना ली मैंने,

अपने अंदर जो इन सबसे परे है,

ना डर ना ही बंधन खड़े है ,

पंख है मेरे अपने ,

उड़ान अपनी भरती हूँ ,

मेरे इच्छाओं की दुनिया में,

मैं दिल खोलकर जीती हूँ ...


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