STORYMIRROR

Manu Sweta

Abstract

4  

Manu Sweta

Abstract

कुछ बातें

कुछ बातें

1 min
23.7K

कुछ विचार

मन के उदगार

दिल का आभार

आज भी आता है

जताना मुझको

कुछ यादें


तेरी ढेर सी बातें

वो चांदनी रातें

आज भी आता है

बताना मुझको

एक चांद का टुकड़ा


ठंड में जो सिकुड़ा

और तेरा मुखड़ा

आज भी आता है

देखना मुझको

वो बारिश की बूंदे

वो आंखों को मूंदे


वो टूटी सी छतरी

आज भी आता है

भीगना मुझको

वो पहली सी पाती

जो मैं पढ़ पाती


तो दुनिया बदलती

आज भी आता है

पछताना मुझको।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract