कश्ती
कश्ती
अपनी कश्ती स्वयं पार उतरना,
देखा है मैंने कई दफ़ा औरो पर ऐतबार कर ,
हर दफ़ा डूबे हैं भँवर में ऐतबार के साथ ही..!!
अपनी कश्ती स्वयं पार उतरना,
देखा है मैंने कई दफ़ा औरो पर ऐतबार कर ,
हर दफ़ा डूबे हैं भँवर में ऐतबार के साथ ही..!!