कृष्ण कन्हैया
कृष्ण कन्हैया
मदलेखा छंद (वार्णिक)
गणावली - मातारा सलगा गा
मापनी - 2 2 2 1 1 2 2
मीरा के गिरधारी।
आओ श्याम मुरारी।।
तेरा नाम पुकारूँ।
कान्हा राह निहारूँ।।१।।
प्यारे मोहन आओ।
बेड़ा पार कराओ।।
माथा शाम झुकाऊँ।
तेरा कीर्तन गाऊँ।।२।।
राधाको तुम भाते।
बंसी की धुन गाते।।
प्यारे मोहन आओ।
नैया पार लगाओ।।३।।
तेरी धारण पूजा।
मेरा ईश न दूजा।।
ईच्छा पूर्ण करोगे।
पीड़ाए हर लोगे।।४।।
आओ कृष्ण कन्हैया।
बंसी तूम बजैया।।
होता है नत माथा।
कान्हा गोकुल नाथा।।५।।
