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Kumar Kishan

Abstract

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Kumar Kishan

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कर्मवीर

कर्मवीर

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चलता जा तू अपनी

मंजिल की तरफ

बनकर राहगीर

मत सोच यह

दुनिया क्या कहेगी


क्योंकि, तू है एक कर्मवीर

कर्मवीरों को ही यह

दुनिया नायक मानती हैं

और,हर राष्ट्र कर्मवीरों से ही

फलता-फूलता हैं


दिखा तू दुनिया को ताकत

अपनी मंजिल पाकर

क्यो निराश हो रहा तू ?


अपनी असफलता पर

उठ,बढ़ अपनी मंजिल की तरफ

मत भूल कर्मवीर है तू

फिर सफलता भी खुद

आएगी तेरी तरफ


देख यह प्रकृति अपनी

लक्ष्य की पूर्ति में लगी है

सचर-अचर जीव भी अपने

कर्मो में कर्मरत हैं


तू तो मानव हैं,

तुझमे हैं अदम्य साहस

अतः चलता जा तू

अपनी मंजिल की तरफ।


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