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PIYUSH NAVEEN BAID

Abstract

4.5  

PIYUSH NAVEEN BAID

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कोरोना

कोरोना

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वक्त आया है ख़राब 

वो भी गुजर जाएगा। 

महामारी एक ऐसा आया 

कर रहा सबको घायल 

तरी ही वझा से हो रहे 

हम भी पागल। 


कैसा ज़िद्दी है रे तू

ना जाने कब तू जाएगा 

तेरी वझा से हमारा 

प्यारा देश उजड़ जाएगा। 


मार रहा है रे तू 

बचे बूढ़े और जवानो को 

औरत के फ़्रीडम को 

ना जाने तू कब मोत की नींद सो जाएगा। 


वक्त आया है ख़राब 

वो भी गुजर जाएगा। 


आया नोबत मंदिर बांध करने का 

और तो और खुद को घर पे क़ैद करने का 

तेरी वझा से हुआ वीरान हमारा देश 

और ऊझड हमारा भेष। 


तू है बड़ा कातिल 

तूने मारा लाखों को 

किसी को भूख मारी से 

तो किसी को संक्रमित से। 


हुआ कारोबार ठप सबका 

हुए लोग मजबूर 

बेठे रे गए घर पे 

ना सह सके भूख। 


वक्त आया है ख़राब 

वो भी गुजर जाएगा। 


तेरी वझा से हुई डॉक्टर और पुलिस की लेफ़्ट राइट 

निकल गया उनका दम 

फिर भी तुझे ना आइ लाज शरम। 


तूने किया बच्चों का भविष्य बेकार 

देश का इकॉनमी ठड क्लास 

तू ले गया देश को सालो पीछे 

कर सबका हाल बेहाल। 


इंसान को लगा इंसान से डर 

कैसा तेरा खेर है 

चेरे पे चिपक मास्क 

और हर जगा कोविद का लहर है। 


वक्त आया है ख़राब 

वो भी गुजर जाएगा। 


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