कोरोना का कहर
कोरोना का कहर


मन्दिर मस्जिद बंद हो गए,
गिरजा गुरुद्वारे हैं सूनसान।
अल्ला, राम, रहीम सभी ,
कोरोना के भय से परेशान।।
मंदिर मस्जिद में ताले हैं,
मकड़ी ने बनाये जाले हैं।
पत्थर को पूजने वाले भी,
कितने पत्थर दिलवाले हैं।।
भगवान तो पत्थर ही के थे,
पर भक्तों पर भी असर हुआ।
विश्वास नहीं अब रहा उन्हें,
कोरोना का ऐसा कहर हुआ।।
मस्ज़िद की हालत और बुरी,
भय भरा हुआ सन्नाटा पसरा।
एक सूक्ष्म जीव कोरोना से,
मुल्ला, मौलवी में है डर गहरा।।
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जब धर्मयान डूबने लगे,
असहाय भक्तजन नर-नारी।
विज्ञान यान की शरण से ही,
बच सकती है पृथ्वी सारी।।
विद्यालय बन गए अस्पताल,
होटल की भी आई बारी है।
निज घरों में कैद मरीज हुए,
दहशत की खबरें जारी हैं।।
जाति धर्म से ऊपर उठकर,
मानवता ने हाथ बढ़ाया है।
गुरुद्वारे का लंगर देखो,
जीवन को बचाने आया है।।
वह धन कुबेर की सी संपत्ति,
यदि जनहित में काम नहीं आती।
फिर तो वह संपत्ति धूल सदृश,
बस कष्ट ही कष्ट है पहुँचाती।।