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Ervivek kumar Maurya

Inspirational

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Ervivek kumar Maurya

Inspirational

कोरोना एक विषाणु

कोरोना एक विषाणु

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वक़्त भी कोरोना से हारा है

दुनिया का अब कौन सहारा है


हर तरफ हाहाकार मचा है

कोरोना का सांसों पे प्रहार हुआ है

ज्यादा मूँछे न ऐठों तुम

घर में ही अब बैठो तुम

घर की लक्ष्मण रेखा न पार

करो तुम

भीड़-भाड़ से दूर रहो तुम

सोशल- डिस्टैंसिंग ही

अब एक सहारा है


हाथ जोड़ झुकाए मस्तक 

उस युग पुरुष का धन्यवाद करें

जिसने संकट की घड़ी में भी

ताली,थाली, शंख से हमको जगाया है

मत हारो खुद से,न हारो कोरोना से

दिया जलाकर दूर करो कोरोना के

अंधियारे को

अब कोई नहीं उनका ही सहारा है


ये कैसी विचारधारा है,

किसने मुहीम चलाई है

कोरोना को फैलाने में

मानव ने की चतुराई है

पहले मानव बम बन घूमा करते थे

अब कोरोना लेके घूमा करते हैं

ये कोरोना कोई मानव नहीं,

ये विषाणु है

ये जाति-पाति न पूछे सिर्फ

प्राणों का संकट है

अब भी कुछ बिगड़ा नहीं

कर लो खुद को क्वारंटीन

इससे बढ़कर अब न कोई सहारा है

वक़्त भी कोरोना से हारा है



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