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Sushil Sharma

Inspirational

5.0  

Sushil Sharma

Inspirational

कोई तो आगे बढ़ो

कोई तो आगे बढ़ो

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आज हिन्दी को बचाने कोई तो आगे बढ़ो।

दर्द हिंदी का सुनाने कोई तो आगे बढ़ो।


हिन्द का अभिमान हिंदी हिन्द की पहचान है

लाज भाषा की बचाने कोई तो आगे बढ़ो।


पीर मीरा ने लिखी है सूर ने कान्हा लिखा

दास की मानस सुनाने कोई तो आगे बढ़ो।


दिव्य गीता गा रही है ज्ञान के गुणगान को

ग्रंथ साहब को सुनाने कोई तो आगे बढ़ो।


आज वृन्दावन अकेला ढूँढता रसखान है

कृष्ण रस को सुनाने कोई तो आगे बढ़ो।


है कबीरा अब कहाँ जो मन को अनहद नाद दे

आज केशव गुनगुनाने कोई तो आगे बढ़ो।


an style="color: rgb(0, 0, 0);">अब कहाँ वो 'उर्वशी' अब कहाँ 'आँसू' करुण

ओज 'वीणा 'का सुनाने कोई तो आगे बढ़ो।


अब कहाँ 'कामायनी ' है अब कहाँ है "कनुप्रिया

आज मधुशाला पिलाने कोई तो आगे बढ़ो।


अब नहीं होमर व इलियट अब न विलियम को पढ़ें

सूर तुलसी को पढ़ाने कोई तो आगे बढ़ो।


आज भारत का युवा डूबा है इंग्लिश भाष में

भाष हिन्दी मन बसाने कोई तो आगे बढ़ो।


देव की भाषा सदा से नागरी लिपि बद्ध है

विश्व की भाषा बनाने कोई तो आगे बढ़ो।


है हमारी मातृभाषा हिन्द की ये शान है

हिन्द का गौरव बढ़ाने कोई तो आगे बढ़ो।


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