कोई मर गया
कोई मर गया
कोई मर गया
या मार दिया
इस सवाल के
बहुत से ज़वाब है
सच कहुँ तो
यह सवाल ही
अपने आप में
एक मुक़म्मल ज़वाब है
कोई मर गया
उसको मरना ही था
इसीलिए मर गया
क्या फ़र्क़ पड़ता है
मारा गया या
फिर अपनी मौत मरा
लोग सवाल उठा रहे है
उनको सवाल उठाने होंगे
उन्हें सवाल उठाने ही चाहिए
उनका काम ही क्या है ?
जब वो ज़िंदा था
तब उसकी मौत की मांग
कर रहे थे यही लोग
उसकी मौत की गुहार
लगाने वाले ही
अब उसके हितेषी
बन उठ खड़े हो रहे है
अरे! मर गया.....मर गया
मरने दो हरामी को
तुमको क्या?
अब क्या उसकी मौत पर
अपनी सियासत की रोटियां सेकोगे
बाज आ जाओ
तुमने कब किसका
साथ दिया है
न उसका दिया
जिसको ज़िंदा जलाया गया
करके तार-तार अस्मिता के उसकी
और धरने और प्रदर्शन की
धमकी दे रहे हो........