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Sunita Katyal

Inspirational

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Sunita Katyal

Inspirational

कोई ख्वाहिश नहीं

कोई ख्वाहिश नहीं

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बिस्तर पर तन्हा लेटे लेटे

आधे सोते, आधे जागते में

आज ना जाने ऐसा क्यूं लगा 

अब कोई ख्वाहिश नहीं अधूरी मेरी।


वैसे तो ख्वाहिशें सब,

कब किसी की 

पूरी हुई जिंदगी में

जिंदगी की आखिरी सांस तक 

ख्वाहिशों का पुलिंदा साथ रहता है।


आज जब अपने भीतर झांका

लगा क्या नहीं जो ईश्वर ने मुझे दिया

मेरे हर प्रयोजन को सफल किया

मेरी हर इच्छा को देर सवेर पूरा किया।


ऐसे तो अंत नहीं किसी चीज का

फिर भी जो दिया नायाब दिया

ये सोच दिल मेरा गदगद हुआ

दिल से निकला प्रभु तेरा शुक्रिया 


तेरा शुक्रिया, हर पल शुक्रिया।


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