STORYMIRROR

Kawaljeet GILL

Abstract

4  

Kawaljeet GILL

Abstract

कोई बताये जरा

कोई बताये जरा

1 min
322

वो जो दिल मे किसी को बसा कर

दिल तोड़ देते हैं

वो जो वादे करके अपने वादे तोड़ देते हैं

वो जो सपने दिखाकर सपने चकनाचूर कर देते हैं

वो जो बीच राह में साथ छोड़ देते हैं


वो जो हर पल हर घड़ी झूठ बोलते हैं

वो जो रिश्तो की कद्र नही करते रिश्ते तोड़ देते हैं

वो जो किसी के आंसुओं की वजह बन जाते हैं

वो भी हत्यारे ही कहलाते है वो भी हत्यारे ही होते हैं।


वो जो किसी माँ से उसके बच्चे को दूर कर देती है

वो जो किसी बहन से उसके भाई को जुदा कर देती है

वो जो घर बसाती नही घरो को तोड़ती है


वो जो अपना हर फ़र्ज़ निभाती नहीं 

वो जो सास ससुर को वृद्ध आश्रम का रास्ता दिखाती है

वो जो चन्द रुपयों की खातिर अपने सुहाग को धोखा दे देती है

वो भी तो हत्यारिन कहलाती है।


हत्यारा कौन नही है भला ये हमको बताओ तो जरा

हर किसी के हाथ खून से रंगे है इस जहान में

किसी को जान से मारने से कम नहीं है ये अपराध


जो भूले से या जानबूझकर हर कोई करता है

ख़ंजर चलाने से ही कोई हत्यारा नहीं बन जाता है

किसी का दिल दुखाने वाले भी हत्यारे ही कहलाते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract