कोई अपना हो तो बताना
कोई अपना हो तो बताना
स्वार्थ की दुनिया में कोई अपना हो तो बताना,
माता-पिता सिर्फ अपने होते हैं,
कोई और हो तो बताना।
भाई भी साथ देता है,
बस उस मोड़ तक,
उसका अपना परिवार,
बीच में नहीं आता जहां तक।
बहन भी साथ देती है ,
उस मोड़ तक,
अपनी मान मर्यादा और,
अपने घर की दहलीज आने तक।
दोस्त भी साथ देता है,
उस मोड़ तक ,
दोनों के बीच अंतर
न आये जब तक।
जीवन साथी भी साथ देता हैं वहां तक,
दोनों के बीच तालमेल रहता है जब तक।
यूं कहो कि कोई छोड़ देता है,
ऐसा नहीं है,
मगर कोई साथ भी देता नहीं ,
जीवन पर्यंत तक।
माना कि सब साथ में रहेंगे,
मगर कौन हाथ पकड़कर चलेगा ,
उस छोर तक।
समुद्र में लहरों की तरह सब मिलते हैं ,
मगर कश्ती को कौन ले जाएगा किनारे तक।
संसार की सत्ता के मालिक,
परमात्मा को निहारो,
वही पार कराएगा,
इस जहां से उस जहां तक।।