कल्पना
कल्पना
भरा संकल्प हो मन में तो मंजिल मिल ही जाता है,
पंखों में जान भरके ही आसमां तक वो जाता है,
बाजू में ताकत के बल ही ख्वाब पकड़ते मुट्ठी में,
हो मजबूत इरादे मन में तूफां से भी टकरा जाता है।।
सपनों से आगे उड़ान की मन में वो कल्पना लिए ,
भारत की वो शान कल्पना सीएफडी पे काम किए,
साहस की प्रतिमूर्ति कल्पना अंतरिक्ष तक पहुंच गई,
दक्ष प्रशिक्षक बनी कल्पना स्वप्नों को साकार किए।।
भारत का इतिहास लिखे उन्नीस नवम्बर का दिन था,
अंतरिक्ष तक भरी उड़ान देश का वो स्वर्णिम दिन था,
दुनिया को दम दिखा दिए मान बढ़ायी भारत की,
नारी शक्ति स्वरूपा है भारत का गौरवमई दिन था।।
काल हुआ विकराल छीन ली उड़नपरी को हमसे,
एक फरवरी दो हजार तीन विदा हुई दुनिया से,
कही कल्पना गर्व लिए अन्तरिक्ष हेतु यह काया,
विश्वपटल से एक सितारा दूर हुई हम सबसे।।