कलम की जोर
कलम की जोर
मैं कलम से लिखती हूँ तो जिंदा हूँ,
कलम की जोर से मेरी सांसें चलती है।
मेरी कलम को कमजोर समझना नहीं,
कलम की जोर से बना है मेरा जीवन।
ऐ किसकी कविता नहीं है,
ऐ मेरी कलम की रचित है।
भावना सभर भाव से लिखती हूँ,
कोई समझे या ना समझे ऐ रचना
कलम की जोर से ऊंचाई छु शकते है,
हर वो सच्चे ईमानदार की ताकत कलम है।
कलम से कई दिलों पर राज कर सकते हैं,
कलम की जोर से हर सीमा लांघ सकते हैं।
