Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

ankita kardile

Abstract Classics Fantasy

4  

ankita kardile

Abstract Classics Fantasy

कितनी प्यारी लगती है....

कितनी प्यारी लगती है....

1 min
336


सुंदर लगती है वह जब अपना रूप संवरके

तयार होकार उसके आंगण मैं नाच रहे

मोरों के साथ झुमती है, खिलखिलाती है

उनके साथ कभी अपनी खुशियां बाटती है 


तो कभी अपने गमों को आसुओं के जरिये बहा देती है

शायद वह मोर ही उसके एक लौते दोस्त है इसिलिये तो

अपने जान स ज्यादा वह उंका ध्यान रखती है

सफेद कपडे पेहन के जब वह अपनी

चूनार सर पे ओढ के बाहर निकलती है 


अपने ऊस साधे लिहाज का भी वह कितना ध्यान रखती है

उसी समय अपने ऊस नंन्हे दोस्त को देख

अपना पसंदिदा जेवर उसे दिखाती है और

हँस पड़ती है तो और भी ज्यादा प्यारी लागतो है

हाय कितनी प्यारी लगती है वह


अपनी सारी हदो मैं रेहकर जब वह तयार होकर

अपने मोरों के साथ खेलती है तब 

सच मैं कितनी प्यारी लगती है ना वह.....


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract