कितने ही वीरों ने
कितने ही वीरों ने
कितने ही वीरों ने अपनी छाती पर गोली खाई थी,
तब आजादी आई थी, हाँ तब आजादी आई थी
भगत, सुखदेव और राजगुरु ने हंसकर जान लुटाई थी,
चन्द्र शेखर आजाद ने खुद ही अपनी बलि चढाई थी,
तब आजादी आई थी,हाँ तब आजादी आई थी!
ये मत कहना चरखे से हमने ये नेमत पाई थी,
वीर सुभाष ने आगे बढ़ अंग्रेजी नीव हिलाई थी,
तब आजादी आई थी,हाँ तब आजादी आई थी!
गांधी,नेहरू जैसों ने कब जेल की रोटी खाई थी,
सावरकर ने सैलुलर मे अपनी आधी उम्र बिताई थी,
तब आजादी आई थी,हाँ तब आजादी आई थी!
सत्ता के भूखे थे केवल ऩजरो मे कुर्सी समाई थी,
अशफ़ाक़ुल्लाह,और बिस्मिल जैसों ने ही आवाम जगाई थी,
तब आजादी आई थी,हाँ तब आजादी आई थी!
कुछ गुलाम नेताओं ने अंग्रेजी महिमा गाई थी,
लाला लाजपत राय ने अनगिनत लाठियां खाई थी,
तब आजादी आई थी,हाँ तब आजादी आई थी!!