किस खेत की मूली कोरोना है?
किस खेत की मूली कोरोना है?
क्रियाकलाप अनलाक में देखकर, बहुत हो रही है हैरानी,
लापरवाही है बढ़ती जा रही, घटती जा रही है सावधानी।
जीवन-मरण का है ये मामला, न ही धोखा न ही माफ़ी,
संक्रमण भेदभाव करे न कोई, बस इतना कहना काफी।
लापरवाही-आलस में फंसकर, हाथ नहीं जान से धोना है,
हो सतर्क बचें हर बीमारी से, किस खेत की मूली कोरोना है?
बिना ढके मुंह-नाक घूम रहे, और किसी ने केवल मास्क
फंसाया है,
नाक या मुंह या दोनों खुले छोड़े, किसी ने जेब की शोभा
बनाया है।
ऐसे भूले हुओं को याद दिला कर, हमको अपना कर्त्तव्य
निभाना है,
"जाने दो" "चलता है" का चक्रव्यूह तोड़, हर अभिमन्यु
हमें बचाना है।
सोतों को निद्रा से जगाकर मानवता का, हमें सजग सा
प्रहरी होना है,
हो सतर्क बचें हर बीमारी से , किस खेत की मूली कोरोना है?
घर से बाहर हम तब ही जाएं, जब जाना ही बहुत जरूरी है,
मास्क लगा और हाथ साफ रख, बनाए रखना दो गज दूरी है।
हर व्यक्ति कोरोना से संक्रमित,सबने मन में सोच यह रखना है,
सब अपने हैं हमें उन्हें बचाना, और खुद हमको भी तो बचना है।
खुद जागृत रह सबको जगाना, दुख-दर्द मुक्त सबको ही होना है,
हो सतर्क बचें हर बीमारी से , किस खेत की मूली कोरोना है?
न कोई औषधि न वैक्सीन है इसका, विषाणु उत्परिवर्तन भी
करता है,
संक्रमित तो अनेक होते हैं पर,अधिकतर मन -तन से निर्बल
मरता है।
खुद की डाक्टरी करें कभी ना,अबिलम्ब डाक्टर की लीजिएगा
सलाह,
अनमोल स्वास्थ्य और जीवन सबका, उत्कृष्ट रहें हम पकड़े
वह राह।
सकारी-सुखदायी विचार हम रखें सर्वदा,तनाव को देना जरा न
कोना है,
हो सतर्क बचें हर बीमारी से , किस खेत की मूली कोरोना है।?
तन-मन व्यस्त रखें सत्कार्यों में, शुभ सोचें और शुभ ही बात करें,
नकारात्मकता के वाहकों से बच के रहें, उनसे न मुलाकात करें।
ख़ुशियाँ बांटें रहें सदा खुश, ग़मगीनों का रो-रोकर जीवन कटता है,
जीवन अच्छा हो-हो चाहे छोटा, दीर्घावधि में मन भी तो उचटता है।
जीवन-मरण प्रभु के अधीन है, बुद्धिबल से इसको हमने संजोना है,
हो सतर्क बचें हर बीमारी से, किस खेत की मूली कोरोना है?