Prashant Beybaar
Inspirational
किफ़ायत का ज़माना है
सलीके से इश्क़ कीजिए
जो दिल में क़ैद है सफ़ीना
उसे क़ैद ही रहने दीजिए!
लोग बैठे हैं ...
हौसला
फूल दिल तक़दी...
प्यास हूँ सहर...
कार के शीशे म...
ऐसे भी ग़म होत...
कोई तदबीर हो ...
जागी पलकों पे...
मीलों की दूरी...
आँखों में जो ...
आया फाल्गुन खुशियां लेकर, आलम खुशहाली का छाया। आया फाल्गुन खुशियां लेकर, आलम खुशहाली का छाया।
साहित्य-संगीत का साधक हूं मैं, फिर भी एक छोटा-सा तिनका हूं साहित्य-संगीत का साधक हूं मैं, फिर भी एक छोटा-सा तिनका हूं
वक्त का हथौड़ा' हरेक ईमानदार इंसान पर अंधाधुंध पड़ता है। वक्त का हथौड़ा' हरेक ईमानदार इंसान पर अंधाधुंध पड़ता है।
द्विपथ की तुम अनुगामी, सफलता करे तेरी गुलामी। द्विपथ की तुम अनुगामी, सफलता करे तेरी गुलामी।
नेताजी लालीपाप दिखाऐ.. दिखाए सपने मुंगेरीलाल। नेताजी लालीपाप दिखाऐ.. दिखाए सपने मुंगेरीलाल।
आइए हम सब होली त्योहार मनाएं प्रेम प्यार से मिश्रित रंगीन होली मनाएं। आइए हम सब होली त्योहार मनाएं प्रेम प्यार से मिश्रित रंगीन होली मनाएं।
प्रतिक्षाएँ धुंधली सी ही सही पर रहती हैं सुरंग बना मन के अतल में। प्रतिक्षाएँ धुंधली सी ही सही पर रहती हैं सुरंग बना मन के अतल में।
पाने को कुछ नहीं, ले जाने को कुछ नहीं। पाने को कुछ नहीं, ले जाने को कुछ नहीं।
पेड़ो पर कोयल गाए देखो फाग रसीली। वर्षा की बौछार जैसे चहुं बरसे हर्षिलली। पेड़ो पर कोयल गाए देखो फाग रसीली। वर्षा की बौछार जैसे चहुं बरसे हर्षिलली।
बुलबुलों का गीत अजब है चन्द पलों का हर्ष गजब है। बुलबुलों का गीत अजब है चन्द पलों का हर्ष गजब है।
Gair full poetry Gair full poetry
जब तक ठोकर नहीं पड़ती अकल नहीं आती। जब तक ठोकर नहीं पड़ती अकल नहीं आती।
जो एक जननी है मां है सृष्टिकर्ता है वह भला कभी ऐसा घिनौना कृत्य करेगी ! जो एक जननी है मां है सृष्टिकर्ता है वह भला कभी ऐसा घिनौना कृत्य ...
सच्चा अदाकार रंग मंच पर हमेशा, तन मन की पवित्रता कायम रखता है। सच्चा अदाकार रंग मंच पर हमेशा, तन मन की पवित्रता कायम रखता है।
खुशी के सारे रंगो की पड़े बौछार होली में। थिरकता,झूमता गाता मिले,संसार होली में। खुशी के सारे रंगो की पड़े बौछार होली में। थिरकता,झूमता गाता मिले,संसार होली म...
जन्म मानव का पाया है तो मानव बनकर रहना है। जन्म मानव का पाया है तो मानव बनकर रहना है।
ज़ब बदला करती परम्पराएं साथ वक्त के ज्ञात रहे। ज़ब बदला करती परम्पराएं साथ वक्त के ज्ञात रहे।
गुजिया पपड़ी सब बनी, और बने पकवान। गुजिया पपड़ी सब बनी, और बने पकवान।
बेटियां ही हैं जो बहू और बेटी का रिश्ता एक साथ निभाती हैं। बेटियां ही हैं जो बहू और बेटी का रिश्ता एक साथ निभाती हैं।
जब भी प्रकृति को देखता, उसे आगे बढ़ता पाता, भिन्न भिन्न रंगों में, कभी हरा। जब भी प्रकृति को देखता, उसे आगे बढ़ता पाता, भिन्न भिन्न रंगों में, कभी ...