किनारा
किनारा
गुजर रही है कुछ इस तरह से
ये ज़िंदगी ।
किनारो को ढूढ़ती लहर हो
जिस तरह ।
कभी पास दिखता है
किनारा
कभी दूर हो जाता है
एक पल मे ।
गुजर रही है कुछ इस तरह से
ये ज़िंदगी ।
कभी ये लहरे तेज है
जैसे उफान उठा है ।
कभी ये बेहद शांत है
मानो संगीत सुना रही है कोई ।
गुजर रही है कुछ इस तरह से
ये ज़िंदगी ।