कई लड़कियों को ऐसे दबाई गई है
कई लड़कियों को ऐसे दबाई गई है
वो रोई नहीं रुलाई गई है,
बनाके पसंद ठुकराई गई है।
शरर थी जो जहां रोशन करने वाली,
वो बुजी नहीं बुझाई गई है।
जो थी अज़ल किसी गज़ल की,
किस्से की तराह वो सुनाई गई है।
शफ़क सी खूबसूरत होने के बावजूद,
पर्दो के पीछे उसे छुपाई गई है।
उम्रभर जिसे पाबंदियों के नीचे दबाई गई,
लाश बनने के बाद कंधो पे उठाई गई है।
