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Monika Gopa

Inspirational

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Monika Gopa

Inspirational

ख्वाहिशें जो हमेशा जिंदा है

ख्वाहिशें जो हमेशा जिंदा है

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कुछ तिनकों का गठजोड़

दो हाथों से बुनते तंतुओं को

करघे पे जुड़ाते

संबंधों के तार


कुछ खींप के गुच्छे और

कुछ बांस के जाल

दो हाथ उसके मुझ पर भरोसे के

दो हाथ मेरेथामने को तैयार


इक माटी का चूल्हा

हो जब जब चेतन

सूखी लकड़ी के जलने की

वो महकती धांस


वो भिगो के हाथ पानी से

देना थपकी हल्की

उंगलियों के जादू से

बेलना मोटे धान की रोटी

ज्यूं थपथपाए और आकार दे 

मेरे ख्वाबों को दे दे कर

कोई यूँ ही दुलार


बांस की छत पर 

बनी छोटी ताखे

संभालती हैकितने सामान

मानो हर ठहराव पे जीवन के

संभाली हो अनुभवजन्य

स्मृतियों की पोटली


मूंज से बंधी माचली

जो चुभती कभी ,

कभी सहलाती

समझाती

ऐसे ही तो ताने बाने से

बुनी हो जैसे

मीठी -खट्टी 

जीवन की चटखार


वो जो दीवार पे दिखती है

धूएं की काली रेख

वो कहती है ख्वाहिशें

अभी तलक जिंदा है


तप्त जीवन की सघन

उष्मा मेंअब भी

स्वेद की महकजिंदा है


पानी में मुहँ देखकर

कोई जीता नहीं कभी

ये जो छोटी दरारों से छन कर

आती है रोशनी भीतर

उड़ते अनगिनत परिंदों सेअणु कहते है

ख्वाहिशें कभी मरती नहीं

वो धूल में बिखरे लौहकण सी जिंदा है !


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