STORYMIRROR

Hardik Mahajan Hardik

Abstract

3  

Hardik Mahajan Hardik

Abstract

खुशियाँ मेरी तुम

खुशियाँ मेरी तुम

1 min
1.0K

ख़ुशियाँ मेरी तुम हो, 

जिंदगी मेरी तुम हो।


मेरा जीवन तुम हो, 

मेरी रीत तुम हो।


मेरी प्रीत तुम हो, 

मेरी जीत तुम हो।


परमात्मा का स्पर्श, 

पुलकित हृदय का हर्ष।


तुम्हीं मेरा जीवन हो,

तुम्हीं मेरी जिंदगी हो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract