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Mehdi Imam

Inspirational

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Mehdi Imam

Inspirational

ख़ुशी

ख़ुशी

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ख़ुशी है नाम मेरा,

हर किसी की जान हूं मैं।

हर वो, जो ज़िंदा है,

उसकी असल पहचान हूं मैं।


भाई है मेरा एक,

कहते के जिसको ग़म है।

गुज़रती है ज़िंदगी,

और साथ चलते हम हैं।


पूछता है तू हमें,

किस जगह बसेरा है।

नादान सुन तू,

तेरे चिरागों तले अंधेरा है।


मैं हमेशा तेरे,

दामन में रही, और रहूंगी।

हर ग़म, हर आह,

तेरी, हंस हंस के सहूंगी।


पर जिस दिन,

टूट गए, मेरे दिल के अरमां।

आज यहां हूं,

कल को कहीं और रहूंगी।


ख़ुशी ही नाम नहीं,

है दोस्ती भी नाम मेरा।

बताऊं रास्ता, वही,

जो सही, यही काम मेरा।


इस लिए, ऐ शख़्स, अब,

ग़मों में, मुस्कुराना सीख ले।

तनहाइयां छोड़,

रौशनी से दिल लगाना सीख ले।


क्या तेरा था यहां,

फिर ग़म क्यूं उसे खोने का।

है क्या सबब,

बेवजह, बेमायने यूं रोने का।


तुझपे हैं, हावी तेरे जज़्बात 'मेहदी' 

दे बसेरा उन्हें, बस एक कोने का।।



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