खुदकुशी
खुदकुशी
खुद की खुशी से थोड़ी न उसने खुदकुशी किया होगा
उसके किस्मत ने उसका साथ छोड़ दिया होगा
तभी उसके हालातों ने उसको हराया होगा।
हारने के बाद उसने खुद को अकेला पाया होगा
फिर उसने चार दिवारी में खुद को क़ैद किया होगा,
फिर वो अपने ऊपर के पंखे के पास गया होगा ।
तभी उसके परिवार के हँसते हुए चेहरे सामने आया होगा,
और फंदा हाथ से छूटा होगा ।
उसने पीछे हटने का सोचा होगा।
तभी उसको अपनी हार याद आया होगा,
जिसे वो खुद सामना न कर पाया होगा।
और तभी वो पंखे में झुलने लगा होगा।
और अपने जिस्म से हारे हुए रूह को अलग कर दिया होगा।
उसने अपने परेशानी किसी को न बताई।
अपने अन्दर ही लड़ी उसने लड़ाई, लेकिन अफ़सोस जीत नहीं पाएं ये लड़ाई ।
उन्होंने अपनी दिल की दिमाग को न सुनाई ।
और उनकी मौत एक राज़ सी बन गई ।
और सभी के लिए उनकी खुदकुशी, कमज़ोरी की निशानी बन गई।
