खुदा के निज़ाम में।
खुदा के निज़ाम में।
छोटा बड़ा न कोई होता है खुदा के निजाम में।
सुनकर मुसलमाँ हो जाओगे वो गजब है बिलाल की अजान में।।1।।
एक ही शफ में खड़े होना है यहां सब गरीब अमीर को।
है दूसरा तरीका ना कोई खुदा के मजहबे इस्लाम में।।2।।
ये क्या हुआ है तुमको क्यों दूर हो रहे हो?।।
थोड़ा सा सब्र रखो कलमें के अकीदे पर ताकत है बड़ी खुदा के कलाम में।।3।।
शामिल खुदा की जात में करना कबीरा गुनाह है।
ये शिर्क है कबीरा गुनाह किसी को पुकारना खुदा के नाम से।।4।।
तुम उम्मती हो मोहम्मद के यह नसीब है तुम्हारा।
नूर ए कलमा फैलाने में बडी परेशानियां उठाई है सहाबा इकराम ने।।5।।
होती नहीं है अब तिलावते कुरान की घरों में तुम्हारे।
हर किसी परेशानी की शिफा है नाज़िल-ए-खुदा-ए- कुरान में।।6।।