हर किसी परेशानी की शिफा है नाज़िल-ए-खुदा-ए- कुरान में। हर किसी परेशानी की शिफा है नाज़िल-ए-खुदा-ए- कुरान में।
व्याकुल हो उठा वो भी, क्या समझ रहा व्यथा कोई?? व्याकुल हो उठा वो भी, क्या समझ रहा व्यथा कोई??