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ritesh deo

Inspirational

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ritesh deo

Inspirational

खुद से

खुद से

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दुनियां की सबसे बेहतर खुशबू मुझे दैनिक अखबारों में ही मिलती है एक तो इनका हर दिन का नयापन ऊपर से कागज़ों की खुशबू का सौंधापन।

सबसे बदबूदार मुझे ख़ुद का पसीना ही लगता है क्योंकि ये मुझे सफ़लता के संघर्ष के लिए उकसाता है,अगर ये बदबूदार न होता कड़ी मेहनत और आलोचना के लिए मैं ख़ुद को कभी भी खुद से समेट कर तैयार नहीं कर पाती।

 कभी - कभी तो मुझे ऐसा लगता जैसे कि कोई - कोई जिनके पसीने काफ़ी बदबूदार होते हैं उन्होंने जीवन में कभी कोई कड़ा संघर्ष ही नहीं किया है इन्हें खुशबूदार बनाने के लिए।

बस ईश्वर को कोसते रहे और उनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाते रहे।

अत: खुद को तैयार रखें कड़े संघर्ष के लिए।

दूसरों की आलोचना से ज्यादा महत्वपूर्ण है ख़ुद को संवारने का संघर्ष।

मुस्कुराते रहे

ये जो जीवन है खुद में बेहद अनमोल है। 


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