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Bhawna Panwar

Romance

4.0  

Bhawna Panwar

Romance

खुद को भी इश्क़ करते देखा है

खुद को भी इश्क़ करते देखा है

1 min
149


खूबसूरत सा अहसास होने लगा हैं इस दिल को

लगता हैं किसी के इश्क़ का रंग लगने लगा हैं मुझको


यूँ ही तो कई हसीन नज़ारे देखे हैं इन आँखों ने

पर तेरी आँखों की क़ातिलाना नज़रों के सामने मैंने

हसीन वादियों को भी फीका पड़ते देखा हैं,

चलो माना मैने भी खुद को इश्क़ करते देखा हैं


लफ़्ज़ों के दीदार के लिए ज़माने भर को मैंने मरते देखा हैं

पर तेरे एक लफ़्ज़ सुनने को मैने खुद को इतना बेकरार देखा हैं

चलो माना मैने भी खुद को इश्क़ करते देखा हैं


सफर काफी अकेला था पर इस सफर में भी

मैने किसी का हाथ अपने कन्धों पर देखा हैं,

चलो मैने खुद को भी किसी ओर के इस तरह बेक़ाबू होते देखा हैं

माना मैंने भी खुद को इश्क़ करते देखा हैं


तन्हाई से मुलाकात के सफ़र का हर लुफ़्त उठाते देखा हैं

पर तड़पती चाहतों और इबादतों के इस मुलाकात का

इंतज़ार मैंने देखा है

चलो माना मैंने भी खुद को इश्क़ करते देखा है।


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