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Ranjana Sharma

Tragedy

4.3  

Ranjana Sharma

Tragedy

कहर

कहर

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हर सुख आ गया

धरा मन! पी भा गया

काली घटा छा गई

मानसून आ गया।


जलमग्न खेत हुए

लील मेह खेत गए

जगमग धरती कहे

सारे लोग सो गए।


आसमान से कहर

डूब गया सारा शहर

मातम क्यूँ छा गया

मानसून आ गया।


मौसम की त्रासदी

बेचैन माँ भारती

छाई कैसी आपदा

मानसून आ गया।



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