कहर
कहर


हर सुख आ गया
धरा मन! पी भा गया
काली घटा छा गई
मानसून आ गया।
जलमग्न खेत हुए
लील मेह खेत गए
जगमग धरती कहे
सारे लोग सो गए।
आसमान से कहर
डूब गया सारा शहर
मातम क्यूँ छा गया
मानसून आ गया।
मौसम की त्रासदी
बेचैन माँ भारती
छाई कैसी आपदा
मानसून आ गया।