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मानसून की भारी प्रतीक्षा की, पर वह कहर बन गया। मानसून की भारी प्रतीक्षा की, पर वह कहर बन गया।
वर्षा की बौछार क्या पड़ी, प्रीतम का विरह असहाय हो गया। वर्षा की बौछार क्या पड़ी, प्रीतम का विरह असहाय हो गया।
"माँ "के लिए अंतरमन उद्गार "माँ "के लिए अंतरमन उद्गार