subhasish Goswami
Drama
एक लड़की ह ,
जे मेरे दिल के सताती ह ।
गेरे गेरे आँख उसका ,
ना जाने केया चादु करती है ।
मेरी सारा गम ,
चन्तपलेमे दुर हो याति है |
मे जनम जनम,
इन्तजार कर सकते है ,,
बस उसे पानेके लिये |
खोयाइस
रिश्ते
तू ना आया
फरिश्तों ने जिसका सजदा किया होगा.... वो कोई पीर रहा होगा. फरिश्तों ने जिसका सजदा किया होगा.... वो कोई पीर रहा होगा.
इन हालातों में मैने जिंदगी को एक अलग नजरिए से देखा। इन हालातों में मैने जिंदगी को एक अलग नजरिए से देखा।
नए आशिक हैं मिलते जो, तो फिर पुराने छूट जाते हैं। नए आशिक हैं मिलते जो, तो फिर पुराने छूट जाते हैं।
तो, फिर मिलने के इंतज़ार में ही जी रहे हैं हम। तो, फिर मिलने के इंतज़ार में ही जी रहे हैं हम।
हर नयी मुस्कान का मोती पिरोता है ये घर भी कुछ कहता है।। हर नयी मुस्कान का मोती पिरोता है ये घर भी कुछ कहता है।।
आनन्द स्वस्फूर्त है दुःख बाहर से आता है, आनन्द भीतर से आता है तू ही तू। आनन्द स्वस्फूर्त है दुःख बाहर से आता है, आनन्द भीतर से आता है तू ही तू।
जताकर प्यार आँखों से, झुका लेती हो इन पलकों को, मोहब्बत का ये कैसा, सितम अदा करती हो त जताकर प्यार आँखों से, झुका लेती हो इन पलकों को, मोहब्बत का ये कैसा, सितम अदा ...
साफ़ आसमाँ की तलाश मुझे हर्गिज़ नहीं, बस ख़्वाहिश है, जो अबके रंग जो अबके रंगबरसे, तो झूमके रं... साफ़ आसमाँ की तलाश मुझे हर्गिज़ नहीं, बस ख़्वाहिश है, जो अबके रंग जो अबके ...
इस संतोष के साथ कि नहीं देखा उस दबे कुचले लोथड़े को। इस संतोष के साथ कि नहीं देखा उस दबे कुचले लोथड़े को।
तपती इस दुपहरी में, तेरी यादें आ गिरी मेरे आंगन में तपती इस दुपहरी में, तेरी यादें आ गिरी मेरे आंगन में
एक कहानी का अंत हुआ एक नई कहानी शुरू हुई, एक कहानी का अंत हुआ एक नई कहानी शुरू हुई,
सुना है ऐसे कलियुग के मतवाले 'असुर' मुझको कहते हैं । सुना है ऐसे कलियुग के मतवाले 'असुर' मुझको कहते हैं ।
कलम का हाथ थामकर यूँ गुज़रे वक्त को महसूस करना कलम का हाथ थामकर यूँ गुज़रे वक्त को महसूस करना
अपनों के सामने यह श्मशान अब जलना भूल गया है। अपनों के सामने यह श्मशान अब जलना भूल गया है।
और जी लिया करते हैं उन झूलों की प्यारी यादों में। और जी लिया करते हैं उन झूलों की प्यारी यादों में।
अब मौत के बाद भी कतार है।कतार है कतार है। लाशो से भरें है मूर्दा घर। अब मौत के बाद भी कतार है।कतार है कतार है। लाशो से भरें है मूर्दा घर।
ज़रा पलटो इन पन्नों को इनमें किस्सों को चीख है, कुछ लम्हे और कुछ उम्र भर की सीख है। ज़रा पलटो इन पन्नों को इनमें किस्सों को चीख है, कुछ लम्हे और कुछ उम्र भर की ...
काली स्याह रात में जब खिलते हैं रात के फूल। काली स्याह रात में जब खिलते हैं रात के फूल।
क्योंकि इस बार जो मैं सोई फिर कभी न उठ पाऊँगी। क्योंकि इस बार जो मैं सोई फिर कभी न उठ पाऊँगी।
और तेरा प्यार भी मेरे संग जायेगा इन लकीरों की तरह। और तेरा प्यार भी मेरे संग जायेगा इन लकीरों की तरह।