खोई शुद्ध हवाएं अशुद्ध हवाएं
खोई शुद्ध हवाएं अशुद्ध हवाएं
ओह आज समय ऐसा आन पड़ा है ।
शुद्ध हवा को इंसान तरस गया है।
शुद्ध हवाएं अशुद्धता में खो गई है।
हर तरफ अशुद्ध वायु वातावरण अशुद्ध कर रहे हैं।
कारखानों का धुआं गाड़ियों का उत्सर्जित
धुआं कर रहा शुद्ध हवाओं को प्रदूषित
हवाए खो रही है ऊंची ऊंची बिल्डिंगों के बीच में।
कोई कोई घर में तो हवा का आवा गमन भी नहीं होता।
ऊंची विशाल बिल्डिंगों ने रोका हवाओं का रुख।
इंसान ने करा अपने फायदे के लिए प्रकृति का हनन।
और शुद्ध हवाओं का करा हनन।
इसीलिए शुद्ध हवाएं खो गई है, अशुद्ध हवाएं आ गई है,
बहुत बीमारियां फैला गई हैं।
लोगों को बीमार कर गई है।
अस्थमा दमाके बीमार बहुत बढ़ गए हैं।
दिल्ली जैसी जगह में तो सांस लेना भी मुश्किल हो गया है।
शुद्ध हवा का तो आवागमन बंद हो गया है।
आकाश भी स्वच्छ दिखने की जगह धूल खाया नजर आता है।
उसकी स्वच्छता को भी प्रदूषण की नजर लग गई धुंआ उस पर
जम गया है।
और वातावरण को प्रदूषित कर गया है।
ऐसा लगता है जैसे हवा का आवागमनबंद हो गया है।
जब तक इंसान सुधरेगा नहीं तब तक ऐसा ही चलता रहेगा।
शुद्ध हवा के लिए इंसान तरसता ही रहेगा।
