Archna Goyal

Abstract

खेल जगत

खेल जगत

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धड़ा धड़ धड़ा धड़ खिलाड़ी रन बनाते हैं

चोके पर चोके छक्के पर छक्के लगाते हैं।


प्रतिद्वंदी को जब हार की धूल चटाते हैं

प्रतिद्वंदी के इरादों पर पानी फेर जाते हैं।


एक एक सीढ़ी चढ़ फाइनल में पहुँच जाते हैं

अपने हुनर का लोहा दुनिया से मनवाते हैं।


मैदान में बैठे दर्शक खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाते हैं

दर्शक खुश हो झूमते जब खिलाड़ी विकेट गिराते हैं।


खेल जगत में ऐसे ऐसे धुरंधर खिलाड़ी आते हैं

पराई धरती पर शान से अपना परचम लहराते हैं।


देश विदेश में खिलाड़ी अपना नाम अमर करते हैं

अपने हुनर के दम पर अपना विश्व रिकार्ड बनाते हैं।


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