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SAKSHI SINGH

Romance

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SAKSHI SINGH

Romance

कहां रह गए तुम

कहां रह गए तुम

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कहां रह गए तुम

सोचा था साथ चाय पियेंगे

सोचा था साथ जिंदगी बिताने का वादा किया है

तो साथ ही मुश्किल का सामना भी करेंगे पर क्या पता था

की बारिश की बुंदे इतनी तेज हो जाएगी की हम कभी मिल ही

नहीं पायेंगे

चाय और चाय की प्याली अभी भी यहीं है

बीस मीठा की कमी है....

कहाँ रह गए तुम

अभी भी तुम्हारा इंतजार है।



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