STORYMIRROR

Sudhir Srivastava

Abstract

3  

Sudhir Srivastava

Abstract

खामोशी

खामोशी

1 min
145

मेरी खामोशी ही 

मेरा ईमान धर्म है,

मगर गफलत मत पालिए

कि मैं कमजोर हूँ।

न मैं कमजोर था

न कमजोर हूँ

न कमजोर रहूंगा।

मेरी खामोशी

आप पर सदा भारी रहेगी,

दोस्तों से तो दोस्ती 

मगर 

जुल्म, अन्याय, अनाचारियों पर

बहुत भारी पड़ेगी।

मेरी खामोशी से 

टकराने की भूल मत करना

वरना बहुत पछताओगे,

मेरी खामोशी की ताकत से

बच भी नहीं पाओगे।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract