कदम मिलाकर चलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा
बाधाएँ आती है आएँ
घिरे प्रलय की घोर घटाएँ
पाँव के नीचे अंगारे
सिर पर बरसे यदि ज्वालाएँ
निज हाथो से हँसते-हँसते
आग लगाकर जलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा।
हास्य रूदन में, तूफानो में
अगर असंख्य बलिदानो में
उद्यानो में विरानो में
अपमानो में सम्मानो में
उन्नत मस्तक उभरा सीना
पीडाओ में पलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा।
उजियारे में, अंधकार में
कल कछार में बीच धार में
घोर घृणा में पूत प्यार में
क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में
जीवन के सत् - सत् आकर्षक
अरमानों को दलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा।
सम्मुख फैला अमर ध्यये पथ
प्रगति चिरंतन कैसा इति अथ
सुस्मित हर्षित कैसा श्रम श्रलथ
असफल, सफल समान मनोरथ
सब कुछ देकर कुछ न माँगते
पावस बनकर ढलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा।
कुछ काँटों सज्जित जीवन
प्रखर प्यार से वंचित यौवन
नीरवता से मुखरित मधुवन
पर-हित अर्पित अपना तन- मन
जीवन को सत्-सत् आहुति में
जलना होगा, गलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा।
