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Vaibhav Dubey

Abstract

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Vaibhav Dubey

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कौन सा पदचिन्ह है आपका

कौन सा पदचिन्ह है आपका

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एक है पुण्य का एक है पाप का

कौन सा इनमें पदचिन्ह है आप का

रेत पर जो बने वो हवा में उड़े

गीली माटी के पदचिन्ह सबसे जुड़े

एक है चाप का एक परिमाप का

कौन सा इनमें पदचिन्ह है आप का


कोरे पन्नों में जब ढूंढते शब्द को

दोष कब तक भला दोगे प्रारब्ध को

कुछ करो है नहीं वक़्त सन्ताप का

कौन सा इनमें पदचिन्ह है आप का


लोभ का मोह का भोग का है असर

मार्ग में जो भटकते फिरे बेख़बर

कब हवा में घुलेगा ये तन भाप का

कौन सा इनमें पदचिन्ह है आप का


ज्ञान जीवन के सच का जिसे हो गया

लक्ष्य के पास उतना पथिक वो गया

एक वरदान का एक अभिशाप का

कौन सा इनमें पदचिन्ह है आप का


एक सिक्के के पहलू हैं सुख-दुख सदा

सुख के पल कम लगें दुख लगे आपदा

एक सन्तोष का एक सन्ताप का

कौन सा इनमें पदचिन्ह है आप का।


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