काश तू एक किताब होती
काश तू एक किताब होती
दर्द को मिटा देता
मैं जिंदगी से मोहब्बत के पन्नों को फाड़ देता,
ए जिंदगी काश तू एक किताब होती..
ना गम होता, न तन्हाई होती,
किसी के चले जाने के ना सौगात होती,
ए जिंदगी काश तू एक किताब होती..
ना बिछड़ने के बात होती,
ना मिलन के रात होती,
ए जिंदगी काश तू एक किताब होती..
ना आँखों में नमी होती,
ना दिल में किसे के कमी होती,
ए जिंदगी काश तू एक किताब होती..
ना उनके घर शहनाइयों की गूंज होती
ना हमारे घर मौत का मातम होता,
ए जिंदगी काश तू एक किताब होती..
तेरे लिखे को बदल सकता
तू ऐसे ख्वाब होती
ए जिंदगी काश तू एक किताब होती..
ए जिंदगी काश तू एक किताब होती..