काश दो पल तुम
काश दो पल तुम
काश दो पल तुम संग मेरे होते,
हम तो जैसे स्वर्ग ही जीत लेते।
तुम्हारी नज़रों के तीर दिल पर,
एक ना कई सारे तो चल जाते।
सुना है निगाहों से क़त्ल करती,
अदाओं से आशिकी भी करती।
हया को छोड़कर प्यार निभाना,
बेवफ़ा से वफ़ा अभी तो करना।
दो पल का क्रोध हानिकारक है,
प्यार और सेहत दोनों के वास्ते।
दो पल तेरे संग रहूँ ये आशा है,
जुदाई तेरी मेरे लिए निराशा है।
