काँटे
काँटे
फूल तो सबको चाहिए काँटे किसी को नही
बेटे तो सबको चाहिए बेटे को बाप नही
फूल तो पैदा काँटों के संग ही होते हैं
काँटे तो हमेशा फूलों के रक्षक होते हैं
फूल जब कली था काँटा तब भी वही था
फूलों को छुओ तो काटों से पाला पड़ता है
यह काँटा ही है जो फूलों को छूने से रोका करता है
फूलों का दामन पकड़ना है तो काँटों से क्या डरना है
अरे अनाड़ी संभल जा जरा अगर फूलों से प्यार करता है
फिर उन्हे क्यो तोड़ा करता है ?
याद रहे फूलों की खुशबू और काँटों की नोक
फूलों के रंग अनेक , काँटों की भाषा एक ।
फूल तो एक दिन मुरझाएगा काँटा कभी न खौफ खायेगा!