STORYMIRROR

GOPAL RAM DANSENA

Abstract

3  

GOPAL RAM DANSENA

Abstract

कालेज का पहला दिन

कालेज का पहला दिन

1 min
188


ख्वाब में आगे पढ़ने का आस

कोई न था साथ जाने पास

गाँव मैं का पालन मेरा गाँव में

पिता भाई अनपढ़ की छाँव में

जाना था दूर भर्ती जो होना था

खरीदा चप्पलऔर एक फूलपेंट

चल पड़ा संवारने फ्यूचर ,प्रजेंट

कालेज भव्य और सुंदर लगा

फार्म भर मै देखने अंदर भागा

कमरे सब अनगिनत कतारो में

अंदर फिक्स टेबल ब्रेंच अटारों में

धन्य मैं ग्रामीण पढ़ इस कालेज में

जीवन भर याद इसकी नालेज में!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract