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Purushottam Vyas

Classics

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Purushottam Vyas

Classics

ज्यादा उड़ना भी बुरा होता

ज्यादा उड़ना भी बुरा होता

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ज्यादा उड़ना भी बुरा होता

गीत लिखे हो मिट्टी पर तो

मिट्टी में मिलना कब बुरा होता


जो दिखते हो उसी रूप में जीना

सच्च युगों से अकेला ही होता...


तुम कैसे चमके हो 

जरा मुझकों समझाओं 

सच्च की बुनियाद का घरोंदा

जरा हिलाकर मुझकों बतलाओं..


ज्यादा उड़ना भी बुरा होता।


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