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AVINASH KUMAR

Inspirational

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AVINASH KUMAR

Inspirational

जय, जय, जय हे माँ सरस्वती

जय, जय, जय हे माँ सरस्वती

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जय, जय, जय हे माँ सरस्वती,

तुमको आज निहार रहा हूँ।

अपने हाथ पसार रहा हूँ।।


ज्ञान-शून्य हो भटक रहा हूँ,

मुझको नव-पथ तू दर्शा दे।

सूखे मानस में तू मेरे,

ज्ञान-सुधा आकर बरसा दे।

मुझको शक्ति दे दे माता,

पल-पल में मैं हार रहा हूँ।।


मातृभूमि की सेवा ही अब,

जीवन का आधार बने माँ।

कर्म हमारी पूजा होगी,

स्वार्थ नहीं दीवार बने माँ।

दे आशीष मुझे ओ शारदे,

कबसे तुम्हें पुकार रहा हूँ।।


कर कमलों में वीणा शोभित,

सत्कर्मों के गीत सुनाते।

श्वेत-वसन पावन माँ तेरे,

विमल आचरण को दर्शाते।

ज्ञान किरण दे, घोर तिमिर में,

घिरता मैं हर बार रहा हूँ।


रख भावनाएं पवित्र मन की

"कुमार" तुमको रिझा रहा है 

जय, जय, जय हे माँ सरस्वती,

तुमको आज निहार रहा हूँ।


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