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Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Inspirational

4.5  

Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Inspirational

"जय हो घणी-घणी देव दरबार की"

"जय हो घणी-घणी देव दरबार की"

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190


जय हो घणी-घणी देव दरबार की

जय हो घणी-घणी सच्चे दरबार की

भादुड़ी छठ:न आप जन्म लियो है,

भक्ता रा दुःख एकपल में हरयो है,

जय हो मां साडू थारा रा लाल की

जय हो म्हारा देव धनी दरबार की

पाप रो आतंक घणो छायो धरा पर

तब आप जन्म लयो साडू रा घर पर

पापियाँ न सजा दी,धर्म री उन्नति की

जय हो घणी-घणी सत्यप्रतिपाल की

गांव-गांव देवरा,हर गांव थारा पहरा,

जय हो सांचे लोक न्याय दरबार की

सवाई भोज रा पुत्र,देता घना सुख,

जय हो घणी-घणी देव दरबार की

जो भी देव दरबार रो ध्यान लगाव,

वो आदमी तो कलियुग में तर जाव,

जय हो म्हारा कलयुग रा करतार की

नारायण के साथ लगा है,थारे देव

थारी महिमा है,घणी-घणी सत्यमेव

जय हो भक्ता रा प्यारा भगवान की

जय हो घणी-घणी देव दरबार की

सकला ही लोग न आप कष्ट हरो,

पर म्हारा अवगुण थ चित न धरो,

आयो दरबार साखी शरण थारी,

अब लाज राख ज्यो पण थ म्हारी,

जय हो भक्ता रा साँचा दरबार की

जय हो घणी-घणी देव दरबार की.



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