जवान (फ़ौज)
जवान (फ़ौज)
फौलादी है जिस्म हमारी
जान हथेली चढ़ा
कदम आगे बढ़ रही हमारी।।
मिट्टी का कर्ज चुकाना
है बाकी अभी
अभी खून लाल है
जिस्म सारी लाल होगी हमारी।।
मिट्टी के पैदावार हैं
गोद में माँ के सो जाएंगे
मुकद्दर नहीं,
हाथ लकीरे लिखें हैं हमारी।।
उम्दा है
जी लेंगे जहान सारी
यह धरती नहीं मां हैं हमारी।।
