याद पुरानी थी
याद पुरानी थी
याद पुरानी थी,
बात आखरी थी,
बीत गया जमाना मिलकर,
दफन हो गए अरमान सारे,
डोली भी सजानी थी।
अनमोल खजाने की गुहा थी,
वो सोने की गुड़िया थी,
बोली उसकी मीठी थी,
रंगीन कागज की चिठ्ठी थी,
बस बाते उससे करनी थी,
पर बात पुरानी थी।
नाजूक फूल की कली थी,
दूर होकर भी साथ थी,
लब्जो में उसके जादूगरी थी,
दिल की खरी, चेहरे से परी थी,
याद पुरानी थी, जो आखरी थी।
नजरे ढूँढती रहती थी,
जो अब साथ नही थी,
बस याद साथ थी,
बात बहुत पुरानी थी।
