जुनून
जुनून
जुनून के जुनून ने बचपन लौटा दिया,
अंदर छिपी भावनाओं को बाहर ला दिया।
बेसिक आकारों से क्या कमाल कर दिखाया,
हर किसी ने अपना अलग मनपसंद चित्र बनाया।
सबने एक ही तरह के आकारों को लगाया,
पर हर किसी ने अलग घर संसार बनाया ।
सबकी कल्पना का था न कोई पारावार,
अभिव्यक्ति में पाया उत्तम अहसास अपार ।
हर किसी की कल्पना थी इतनी प्यारी,
वाओ! कह रही थी हर ज़ुबान हर बारी।
चित्रों ने हमारा बचपन लौटाया,
अभिव्यक्ति ने हमारा बड़प्पन दर्शाया।
संजना ने संजोया बहुत सुंदर समा ,
धन्यवादी हैं जुनून के हम सब यहाँ।