ज़रुरत
ज़रुरत
जरूरत है हर किसी की कुछ न कुछ
कर सकते हैं पूरा इन्हें हम तुम
पर इतना ध्यान रहे सदा जीवन में
दूसरों को कमी न रह जाए कुछ
इकट्ठा कर भरते रहे पर इच्छा तो हुई न कम
बस बेवज़ह इच्छाओं को
ज़रूरत हो जितनी बस उतनी बढ़ाओ।
