STORYMIRROR

Kavita Sharrma

Inspirational

3  

Kavita Sharrma

Inspirational

ज़रुरत

ज़रुरत

1 min
167

 जरूरत है हर किसी की कुछ न‌ कुछ

कर सकते हैं पूरा इन्हें हम तुम

पर इतना ध्यान रहे सदा जीवन में

दूसरों को कमी न रह जाए कुछ

इकट्ठा कर भरते रहे पर इच्छा तो हुई न कम

बस बेवज़ह इच्छाओं को

ज़रूरत हो जितनी बस उतनी बढ़ाओ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational